तुम पास हो जब मेरे मौसम भी निखर जाए मौसम शायरी

Mausam Shayari | रोमांटिक मौसम पर शायरी (2023): दोस्तों आज इस पोस्ट में मैने आपके लिये mausam shayari in hindi, romantic mausam shayari in hindi, barish mausam shayari in hindi, mausam shayari status in hindi को प्रस्तुत किया है।

मशहूर शायरों द्वारा लिखी सुहाना मौसम पर खास शायरियाँ, जिन्हे आप सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते है। आशा करता हु इस पोस्ट में लिखे गए मौसम शायरी आपको पसंद आएंगे।

तुम पास हो जब मेरे मौसम भी निखर जाए


सुना है आज तुम
फिर मुझसे खफा है
जाने कैसे मगर
मौसमो को भी यह पता है..!


मौसम है बरीश का और याद आपकी आती है
बारीश के हर कतरे से आवाज तुम्हारी आती है
जब तेज हवाऐं चलती है तो जान हमारी जाती है
मौसम है बारीश का और याद तुम्हारी आती है!


कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आये
और कुछ तेरी मिटटी में बगावत भी बहुत थी।


ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है
बहुत सर्द होती है मगर इनमें दिल सुलगता है!


अजब सी हालत है तेरे जाने के बाद
मुझे भूख लगती नहीं खाना खाने के बाद
मेरे पास दो ही समोसे थे जो मैंने खा लिए
एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद!

तुम पास हो जब मेरे मौसम भी निखर जाए


जालिम ये मौसम
तुम्हारी याद दिला देता
जाने-अनजाने में
मुझे रुला देता।


मौसम का कुछ ऐसा खुमार है
मन करता चीख कर कह दू
हमको तुमसे बहुत प्यार है !


जब तुम अपनी जुल्फों को यू आज़ाद
करती हो
मानो ज़म्में पर घटा छा जाती हो !

तुम पास हो जब मेरे मौसम भी निखर जाए

अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना
लौट कर फूलो में वापस नहीं आती खुशबू।


रात गुज़री तो फिर महकती सुबह आई
दिल धड़का फिर आपकी याद आई
साँसों ने महसूस किया हवा की खुश्बू को
जो आपको छूकर हमारे पास आई!

‎Romantic mausam shayari


दिसंबर सा मैं जनवरी से तुम
करीब हो के भी बहुत दूर हैं हम!


बारिश आई थी बादल गरजे थे
हर जगह उनके फिजा ए मौसम महकाने के चर्च थे
पर एक हम ही नजारों का मजा न ले पाए
यहाँ जो तेरे इम्ताहानो से निकल जाने को तरसे थे!


तेरी याद में ये दिल मेरा मचल रहा है
हद है इसकी भी इतनी सर्दी में भी जल रहा है!


बारिश में आज भीग जाने दो बूंदों को
आज बरस जाने दो न रोको यूँ खुद को
आज इस दिल को भीग जाने दो!


मौसमें बरसात के मानिंद तुम आते हो यार
या जम के बरसते हो
या अश्क़ बरसाते हो यार!


नीचे गिरे पत्ते भी सुख जाया करते है
सर्दी के मौसम में जोड़े भी रूठ जाया करते है !

तुम पास हो जब मेरे मौसम भी निखर जाए


अगर मेरी चाहतों के मुताबिक जमाने की हर
बात होती तो बस में होता तुम होती और
सारी रात बरसात होती!


घटा देख कर ख़ुश हुईं लड़कियाँ
छतों पर खिले फूल बरसात के!


बेईमान मौसम से पूछो
कुछ हरकत कर रहा है
बताता नहीं क्या
ये मेरे हमसफर से डर रहा है!


खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम
उसकी याद दिला देता है!


आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया
खत्म सभी का इंतज़ार हो गया
बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया!


तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है
अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का
मजा भी कमजोर है !


बे मौसम बरसात से अंदाज़ा लगता हूँ मैं
फिर किसी मासूम का दिल टुटा है मौसम
ए-बहार में!


चन्द बूँदें क्या बरसीं बरसात की
धूल की फ़ितरत ही बदल गयी !

तुम पास हो जब मेरे मौसम भी निखर जाए


ए गुलाब अपनी खुशबू को
मेरे दोस्तों पर न्योछावर कर दे
यह सर्दी के मौसम में
अक्सर नहाया नहीं करते।


कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा
ख्याल भी दिल को खुशी के
साथ साथ होता रहा मलाल भी।


हमने सोचा था ना बदलेंगे आप
सनम आप भी दिल्ली का मौसम निकले!

Thandi mausam shayari


इश्क के चर्चे बहुत हैं दोस्तों
हुस्न के पर्चे बहुत है यारों
इश्क करने से पहले जान लेना
इसमें खर्चे बहुत है दोस्तो।


बारिश का मौसम और तुम्हारी याद
चलो फिर से मिले एक कप चाय के साथ!

तुम पास हो जब मेरे मौसम भी निखर जाए


रात बैठी थी आग के पास
फिर याद आई वो शिमला की रात
वो तेरे प्यार की गर्मी थी
उस साल कहाँ सर्दी थी!


मासूम सी मोहब्बत का फ़राज़
बस इतना सा फ़साना है
अम्मी घर से निकलने नहीं देती
और मुझे डेट पर जाना है!


तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम
तुमको हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम
तुमको बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम
तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम!


मुझे फ़ुरसत ही कहाँ मौसम सुहाना देखूं
मैं तेरी याद से निकलूं तो ज़माना देखूं!

Badalta mausam shayari


सुना है बहुत बारिश हुई तेरे शहर में
ज्यादा भीगना मत
धुल गयी अगर सारी गलतफहमियां
तो बहुत याद आएंगे हम!


काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी
जिंदगी से कि मैं बारिश में भी रोऊँ और
वो मेरे आँसू पढ़ ले!


आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुई
ख़ुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई!


मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं!



अगर इतने ही गिले हैं ऊपरवाले से
तो ख़ुद-ब-ख़ुद क्यूँ नहीं मौसम बदल लेते
यूँ तो बादल भी चलते हैं अपने नियमो से
फिर क्यूँ नहीं तुम अपना रवैया बदल लेते!


मौसम का खुमार ऐसा है
कि दिल बस यही कहे जाये।
एक कप चाय के साथ
एक प्लेट पकोड़े हो जाये !

Barish mausam shayari in hindi


मौसम का असर है
ना सोच मेरी हमदर्दी है
मुझे ओढ़ ले जान ए मन
बाहर बहुत सर्दी है!


देखा है तुम्हारे आगे
शर्मा के फूलों को मुरझाते
ए जहाँ को घायल करने वाले
तुम डिओडोरेंट क्यों नहीं लगाते।


मौसम का रुख बदल रहा है
मेरा मन मचल रहा है
कहता है मेहबूब से मिल ले
अब दिल नहीं संभल रहा है!


जेसे ठंड लगने पर ठंड
को छुपाना मुश्किल है
वेसे ही तुझे देख कर
मुझे अपना एहसास छुपाना मुश्किल है!


आज कुछ शर्माए से लगते हो
सर्दी के कारण कपकपाए से लगते हो
चेहरा आपका खिलखिलाये सा लगता है
हफ्ते के बाद नहाए से लगते हो।



मौसम हुआ सुहाना दिल
हुआ गुलजार हो गए
मुस्कुराए वो और हम कर्जदार हो गए!


यह तूफाँ से सीखा है या मौसम से
जो अपना तेवर रोज बदलता है!


खुद का बच्चा रोये तो दिल में दर्द होता है
किसी और का रोये तो सर में दर्द होता है
खुद की बीवी रोये तो भी सर में दर्द होता है
किसी और की रोये तो दिल में दर्द होता है।


कहा पूरी होती है दिल की सभी ख्वाहिशे
की बारिश भी हो यार भी और वो पास भी हो!


आदमी भी जमीर अपना गिरवी रखता है
तो पल-प्रतिपल नियत बदलता है!


रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ!


अपनी अदाओं से मौसम
को यू बदलती है
की रूठे थे तुफा और
पल भर में बारिश ला देती हो!


मेरी तलाश का है जुर्म
या मेरी वफा का क़सूर
जो दिल के करीब आया
वही बेवफा निकला !


मौसम चल रहा है इश्क का साहिब
जरा सम्भल कर के रहियेगा !


फिर से तेरी यादों का मेरे दिल में बवंङर है
वही मौसम वही सर्दी वही दिलकश नवम्बर है!



कहीं फिसल ना जा तेरे
ख्यालो मे चलते-चलते
अपनी यादों को रोको मेरे
शहर में बारिश हो रही है।


जिसके आने से मेरे ज़ख्म भरा करते थे
अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को हरा करते हैं।


कोई रंग नही होता बारिश के पानी में
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है!


कहीं फिसल न जाऊं तेरे
ख्यालों में चलते-चलते
अपनी यादों को रोको मेरे
शहर में बारिश हो रही है!


ये बारिश की बूंदे जब
तेरी जुल्फो को काश यह
नजरे मेरी कही और होती..!


बरस रहा है बादल बेमौसम
तड़प रहा है यह दिल बेवजह..!


मौसम गए चैन गया ज़िन्दगी गई
मोहब्बत की आग में
क्या-क्या गया मत पूछो।


तब्दीली जब आती है
मौसम की अदाओं में
किसी का यूँ बदल जाना
बहुत ही याद आता है।


मौसम की मिसाल दूँ या नाम लूँ तुम्हारा
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं।


प्यासे दो दिल बरसो
बाद मिल रहे थे बिना
मौसम के बरसात
तो होनी ही थी..!



आते जाते मौसम का सिलसिला जारी रहे
हर रोज हम मिलते रहे
और फासला बाक़ी रहे !


यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते
बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते
जो आने वाले हैं मौसम उनका एतराम करो
जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।


खूब हौसला बढाया आँधियों ने धूल का
मगर दो बूॅद बारिश ने औकात बता दी!


मेरी सुबह को आज आसमान मिल गया
चाय की चुस्कियो में वो पुराना तूफ़ान मिल गया
देखो आज फिर अपने शहर की गलियों को
फिर से चांदनी चोक की रोनक को पैमान मिल गया!


ये कैसी घटा दिलो
दिमाग पर छाई थी
ऐसा लगा वह मुझसे
वो कुछ कहने आई थी..!


वाह मौसम आज तेरी अदा पर
दिल खुश हो गया
याद मुझे आई और बरस तू गया!


इस तरह भिगे हम तेरे लिए बारिश में
क्योकि बरसात के मौसम में भी तेरा अहसास है!


सर्द मौसम में बहुत याद आते है
धुँध में लिपटे हुए वादे तेरे।


दिन छोटे और रातें लम्बी हो चली है
मौसम ने यादों का वक्त बढा दिया!



तुम्हारे चेहरे का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं थोडा लुफ्त उठा लू अगर बुरा न लगे।


मंजर भी बेनूर थे
और फिजायें भी बेरंग थी
तुम्हारी याद आयी और
मौसम सुहाना हो गया।


Final words on Mausam shayari

दोस्तो इस पोस्ट में मैने आपके लिए Mausam shayari को प्रस्तुत किया है। आशा करता हु mausam shayari आप को जरूर पसंद आई होगी। यदि यह शायरियां आपको अच्छी लगी तो इन्हें सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए।

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