गिला शिकवा स्टेटस | Gila Shayari

दोस्तो आज इस पोस्ट में मैने आपके लिए gila shayari को प्रस्तुत किया है। आशा करता हु इस पोस्ट में लिखी गई गिला शिकवा शायरी आपको जरूर पसंद आएगी। आप गिला शिकवा शायरी को जरूर शेयर करे।

गिला शिकवा स्टेटस | Gila Shayari

गिला शिकवा स्टेटस | Gila Shayari

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे..!!


कोई मिल जाये मुझे तुम
जैसा ये ना -मुमकिन सही
लेकिन तुम ढूंढ लो हम
जैसा इतना आसान ये भी नहीं


बदली जो कयानात मुझे इसका गम नहीं
लेकिन बुरा था नसीब जो तुम बदल गए


सौ जान से हो जाऊंगा
राजी मैं सजा पर,
पहले वो मुझे अपना
गुनाहगार तो कर ले।


मिलाते हो उसी को
ख़ाक में जो दिल से मिलता है
मेरी जान चाहने वाला
बड़ी मुश्किल से मिलता है


मौत से कह दो की हम से नाराजगी
खत्म कर ले अब वो भी बहुत बदल गए है
जिनके लिए जिया करते थे हम


तू हकीकत-ए-इश्क है या कोई फरेब,
ज़िन्दगी में आती नहीं खाव्बों से जाती नहीं।


तकदीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम,
बहुत सभल कर चले फिर भी फिसल गए हम,
किसी ने यकीन तोड़ा तो किसी ने हमारा दिल,
और लोगों को लगता है बदल गए हम।


गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह -बासिर सुल्तान काज़मी


तक़दीर के लिखे पर कभी
शिक़वा न किया कर ऐ इंसान,
तू इतना अक़्लमंद नहीं
जो भगवान के इरादे समझ सके।


है आज क्यों ज़लील के कल तक ना थी
पसंद गुस्ताख़ी-ऐ-फरिश्ता हमारे जनाब में


दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बरबाद हो गए हम उनके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।


महफ़िल में मेरे ज़िक्र के आते ही
उठे वो रुस्वा-ऐ-मोहब्बत
का ये एजाज तो देखो


हमारे सब्र का इम्तेहान न लीजिये,
हमारे दिल को यूँ सजा न दीजिये,
जो आपके बिना जी न सके एक पल,
उन्हें और जीने कि दुआ न दीजिये।


तकदीर बनाने वाले, तूने भी हद कर दी,
तकदीर में किसी और का नाम लिखा था,
और दिल में चाहत किसी और की भर दी..!!


कहते है वो मजबूर है हम ना चाहते हुए भी दूर है
हम चुरा ली है उन्होंने धड़कने
हमारी फिर भी कहते है बेक़सूर है हम


ऐ मौत मैं तुझे गले लगाना चाहता हूँ
कितनी वफ़ा है तुझे मैं ये आज़माना चाहता हूँ
रुलाया है बहुत दुनिया में लोगो ने मुझे मिले
जो साथ तेरा तो मैं दुनिया को रुलाना चाहता हूँ


कुछ पाने की चाहत में बहुत कुछ छूट जाता है
ना जाने सब्र का धागा कहाँ पर टूट जाता है
ज़रा बताओ की तुम किसे हमराह कहते हो
यहाँ तो अपना साया भी साथ छोड़ जाता है


मैं भी मुहं में जुबान रखता हूँ
काश पूछो की मुद्दा क्या है
जब की तुझ बिन नहीं कोई
मौजूद फिर ये हंगामा ऐ खुदा क्या है


मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते,
समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें,
जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा,
करते थे हम भी कभी किताबों की बाते..!!


प्यार किसी से जो करोगे रुस्वाई ही मिलेगी
वफ़ा कर लो चाहे जितनी बेवफाई ही मिलेगी
जितना भी किसी को अपना बना लो
जब आँख खुलेगी तन्हाई ही मिलेगी


उनका भरोसा मत करो जिनका ख्याल वक़्त
के साथ बदल जाये भरोसा उनका करो
जिनका ख्याल वैसे ही रहे
जब आपका वक़्त बदल जाये


उल्फत में अक्सर ऐसा होता है ,
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है,
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी,
हमसफर उनका कोई और होता है..!!


देखा है आज मुझे भी गुस्से की नजर से,
मालूम नहीं आज वो किस किस से लङे हैं।


क़सम देकर अपनी तुझे रोक लेगा तेरी
लघज़िशों पे तुझे टोक देगा तू मुड़ मुड़
के पीछे किसे देखता है
तेरा कौन है जो तुझे रोक लेगा


मुझे सता के वो मेरी दुआएं लेता है,
उसे खबर है कि मुझे बद्दुआ नहीं आती,
सब कुछ सौप दिया उसे हमने,
फिर भी वो कहता है, हमें वफा नहीं आती..!!


इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले,
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा ,
उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले..!!


कोई मिला ही नहीं
जिसको सौपते मोशिन,
हम अपने ख्वाब की खुशबू,
ख्याल का मौसम।


यहाँ किसी को भी कुछ हस्ब-ऐ-आरजू ना मिला
किसी को हम ना मिले और हमको तू ना मिला


मोहब्बत का मेरा यह सफर आख़िरी है,
ये कागज, ये कलम, ये गजल आख़िरी है,
फिर ना मिलेंगे अब तुमसे हम कभी,
क्योंकि तेरे दर्द का अब ये सितम आख़िरी है..!!


कैसे कहे की उसको भी हमसे है
कोई वास्ता उसने तो हमसे
आज तक कोई गिला नहीं किया


बदलते इस ज़माने ने सब को बदल डाला ख्वाबों
और ख्यालों को भी बदल डाला ना बदल सका
उस बेवफा को प्यार मेरा जिसके
लिए हमने अपने आप को बदल डाला


बदली जो कायनात मुझे इसका गम नहीं
लेकिन बुरा था नसीब जो तुम बदल गए


खामोश गुजर जाते है वो करीब से सवाल उठते है
दिल में अजीब से वो खफा है
या ये उनकी कोई अदा है
शिकायत भी क्या करे अब अगर यही है नसीब में


ये तरक़्क़ी का ज़माना है
तेरे आशिक पर उँगलियाँ
उठती थी अब हाथ उठा करते है


हर चमन में मुमकिन है की गुल खिल जाये
तुम्हे भी हमारे बाद मुमकिन है कोई और
मिल जाये जिंदगी तो तुमने कभी हमको जीने
ना दी अब मरना चाहा तो कहते हो
की मौत भी ना आये


बेवफाई करके निकलू या वफ़ा कर जाऊंगा शहर
को हर ज़ायके से आश्ना कर जाऊंगा तू भी
ढूंढेगा मुझे शौक- ऐ -सजा में एक दिन मैं
भी कोई खूबसूरत सी खता कर जाऊंगा


बदला जो वक़्त गहरी दोस्ती बदल गयी सूरज ढला
तो साये की सूरत बदल गयी एक उम्र तक
मैं तेरी जरूरत बना रहा फिर यूँ
हुआ की तेरी जरुरत बदल गयी


कभी पत्थर से भी टकराये तो खराश तक ना
आये कभी इक बात ही से
इंसान टूट के बिखर जाते है


गिले है हजारों की बदले हो क्यों तुम मगर अब
करे क्यों गिला अजनबी से अजब है
नींदें गंवाने का सिलसिला ये
अच्छा नहीं सिलसिला अजनबी से


गुजर गया वो वक़्त जब तेरी हसरत थी
मुझे अब तू खुदा भी बन जाये
तो भी तेरा सजदा ना करूँ


सुन कर तमाम रात मेरी दास्तान -ऐ-गम
बोले तो सिर्फ ये की बहुत बोलते हो तुम


अभी म्यान में तलवार मत रख अपनी,
अभी तो शहर में एक बे-क़सूर बाकी है।


नाराजगी शायरी हिंदी में

इन आंखो मे आंसू आये न होते,
अगर वो पीछे मुडकर मुस्कुराये न होते,
उनके जाने के बाद बस येही गम रहेगा,
कि काश वो हमारी ज़िन्दगी मे दूबारा आये न होते..!!


अपनी तकदीर में तो कुछ ऐसे ही सिलसिले लिखे हैं,
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया,
तो किसी ने अपना बनाकर 'वक़्त' गुजार लिया..!!


उसकी चाहत ने रुलाया बहुत है उसकी यादो
ने तड़पाया बहुत है हम उससे करते है
मोहब्बत बेइन्तहा इस बात को
उसने आज़माया बहुत है


तुम्हारे बाद कौन बनेगा मेरा हमदर्द
हमने तो अपने भी खोये है तुझे पाने के लिए


कब वो सुनता है कहानी मेरी और
फिर वो भी ज़बानी मेरी -मिर्ज़ा ग़ालिब


ज़माना बदल गया बदल गए इंसान भी
आज बदला सब कुछ चाहत और प्यार भी
आज किसी की नजर में कीमत नहीं है
खून की पैसा जिस की जेब में
वो ही सुल्तान और अमीर भी


मेरी वफ़ा की गवाही तो सितारे भी देते है
पर मेरे चाँद को आया नहीं ऐतबार मेरा


कोई गिला कोई शिकवा ना रहे आपसे,
ये आरज़ू है कि सिल-सिला रहे आपसे,
बस इस बात की बहुत उम्मीद है आपसे,
खफा ना होना अगर हम खफा रहें आपसे।


कोई ताबीज़ ऐसा दो
के मैं चालक हो जाऊं,
बहुत नुक्सान देती है
मुझे ये सादगी मेरी।


ये ना पूछ की शिकायतें कितनी है तुझसे ऐ
जिंदगी सिर्फ ये बता की तेरा
कोई और सितम बाकि तो नहीं है


इस कदर हम यार को मनाने निकले
उसकी चाहत के हम दीवाने निकले जब
भी उसे दिल का हाल बताना चाहा तो
उसके होठो से वक़्त ना होने के बहाने निकले


अपने ही होते है जो दिल पे वार करते है
फ़राज़ वरना गैरो को क्या
खबर की दिल की जगह कौन सी है


मैं शिकवा करूँ भी तो किस से करूँ,
अपना ही मुकद्दर है अपनी ही लकीरें हैं।


करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को
चले जायेंगे जब हम कभी ना वापस आने
को चलेगा महफ़िल में जब जिक्र हमारा
कोई तो तुम भी तन्हाई ढूँढोगे आंसू बहाने को


बड़ा मज़ा हो जो महशर में हम करें
शिकवा वो मिन्नतों से कहें
चुप रहो ख़ुदा के लिए -दाग़ देहलवी


उन्ही रास्तों ने जिन पे
कभी तुम साथ थे मेरे,
मुझे रोक रोक पूछा
तेरा हमसफ़र कहाँ है।


जाने दो अब इस गुस्से को
इश्क को तो भी निभाना है
गुस्सा है अगर आशिक़ पे
तो कब्र में क्यों इससे लजाना है


शिकवा कोई दरिया की रवानी से नहीं है,
रिश्ता ही मेरी प्यास का पानी से नहीं है !!


हर एक सवाल का उसको जवाब क्या देते
हम अपनी जात का उसको हिसाब क्या देते
जो एक लफ्ज की खुशबु ना रख सका महफूज
हम उसके हाथ में पूरी किताब क्या देते


हाथों की लकीरो पे मत जा ऐ ग़ालिब
नसीब उनके भी होते है
जिनके हाथ नहीं होते


जाने किस बात की
उनको शिकायत है मुझसे,
नाम तक जिनका नहीं मेरे अफ़साने में।


क्यूँ हिज्र के शिकवे करता है
क्यूँ दर्द के रोने रोता है अब इश्क़
किया तो सब्र भी कर इस में
तो यही कुछ होता है -हफ़ीज़ जालंधरी


एक से सिलसिले है सब हिज्र की रुत बता गयी
फिर वही सुबह आएगी फिर वही शाम आ
गयी मेरे लहू में जल उठे उतने ही ताज़ा
दम चिराग वक़्त की साजिशी
हवा जितने दिए बुझा गयी


मुझे सता के वो मेरी दुआएं लेता है,
उसे खबर है के मुझे बददुआ नहीं आती,
सब कुछ सौंप दिया उसे हमने अपना,
फिर भी वो कहता है हमें वफ़ा नहीं आती।


ठोकर न लगा मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
हैरत से न देख मुझे मंजर नहीं हूँ मैं,
माना के उनकी नजरो मेरी कदर नहीं,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल म नहीं।


नहीं जाता किसी से वो मर्ज़ जो है
नसीबों का ना क़ायल हूँ
दवा का मैं ना कायल हूँ
तबीबों का ना शिकवा दुश्मनो का है
ना है शिकवा हबीबों का शिकायत है
तो किस्मत की गिला है तो नसीबों का


मैं अपनी चाहतों का हिसाब
जो लेने बैठ जाऊं,
तो तुम मेरा सिर्फ याद करना भी
न लौटा सकोगे।


करोगे याद तुम की मैं कहता था कभी
दौलत और मोहब्बत का ना कभी भी मेल होता है
होती है जिनके लिए दौलत ही सब से
बढ़कर उनके लिए तो ये मोहब्बत बस एक खेल होता है


मोहब्बत ही में मिलते हैं
शिकायत के मज़े पैहम मोहब्बत
जितनी बढ़ती है शिकायत
होती जाती है -शकील बदायुनी


खुदा जाने, प्यार का दस्तूर क्या होता है
जिन्हें अपना बनाया, वो न जाने क्यों दूर होता है
कहते हैं कि मिलते नहीं ज़मीन आसमान
फिर न जाने क्यूँ, आसमान ज़मीन का सरूर होता है..!!


एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है ,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद ,
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है ..!!


ग़लत है जज़्ब-ए दिल का शिकवा देखो
जुर्म किस का है, न खेंचो गर तुम
अपने को कशाकश दर‌मियां क्यूं हो !!


इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं,
सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं,
दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं ,
है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं..!!


गिला भी तुझ से बहुत है
मगर मोहब्बत भी वो बात अपनी
जगह है ये बात अपनी
जगह -बासिर सुल्तान काज़मी


तरसते थे जो मिलने को हमसे कभी,
आज वो क्यों मेरे साए से कतराते हैं,
हम भी वही हैं दिल भी वही है,
न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं..!!


चुप रहो तो पूछता है ख़ैर है
लो ख़मोशी भी शिकायत हो
गई -अख़्तर अंसारी अकबराबादी


रह ना पाओगे कभी भुला कर देख लो यकीन नहीं
आता तो आज़मा कर देख लो हर जगह महसूस होगी
कमी हमारी अपनी महफ़िल को कितना भी सजा कर देख लो


आँख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा,
वक़्त का क्या है गुजरता है गुजर जाएगा।


दोस्तों के इस कदर सदमे उठाये जान पर
दिल से दुश्मन की
अदावत का गिला जाता रहा


शिकवा तो बहुत है
मगर शिकायत नहीं कर सकते,
मेरे होठों को इजाजत
नहीं तेरे खिलाफ बोलने की।


नज़र चाहती है दीदार करना,
दिल चाहता है प्यार करना,
क्या बतायें इस दिल का आलम,
नसीब में लिखा है इंतजार करना..!!


दुनिया न जीत पाओ तो हारो न
खुद को तुम थोड़ी बहुत तो
ज़हन मे नाराज़गी रहे !!
-निदा फ़ाजली


कहने देती नहीं कुछ मुँह से मोहब्बत
मेरी लब पे रह जाती है
आ आ के शिकायत मेरी


चाँद से शिकायत करूँ किसकी हर
कोई यहाँ रात का मुसाफ़िर है


बदलते इस ज़माने ने सबको बदल डाला
ख्वाबों और ख्यालो को भी बदल डाला ना
बदल सका उस बेवफा को प्यार मेरा
जिसके लिए हमने अपने आपको बदल डाला


होता है जिस जगह मेरी
बरबादियों का जिक्र,
तेरा भी नाम लेती है
दुनिया कभी कभी।


किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह,
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह,
किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीकी,
छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह..!!


गर्मिये हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं,
हम चिरागों की तरह शाम से जल जाते हैं,
शमा जलती है जिस आग में नुमाइश के लिए,
हम उसी आग में गुमनाम से जल जाते हैं,
जब भी आता है तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जाने क्यों लोग मेरे नाम से जल जाते हैं..!!


हमने सोचा कि सिर्फ हम ही उन्हें चाहते हैं,
मगर उनके चाहने वालों का तो काफ़िला निकला,
मैंने सोचा कि शिकायत करू खुदा से,
मगर वह भी उनके चाहने वालों में निकला..!!


जितनी शिद्दत से मुझे जख्म दिया है
उसने इतनी शिद्दत से
तो मैंने उसे चाहा भी ना था


उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद,
अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद,
क्या बताएं किस कदर बेवफ़ा है यह दुनिया,
यहाँ लोग भूल जाते ही किसी को दफनाने के बाद..!!


वादा करके वो निभाना भूल जाते हैं,
लगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैं,
ऐसी आदत हो गयी है अब तो उस हरजाई की,
रुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं..!!


आसानी से दिल लगाये जाते है
मगर मुश्किल से वादे निभाए जाते है
मोहब्बत ले आती है
उन राहों पे जहाँ दियों के
बदले दिल जलाये जाते है


सब फ़साने हैं दुनियादारी के,
किस से किस का सुकून लूटा है,
सच तो ये है कि इस ज़माने में,
मैं भी झूठा हूँ तू भी झूठा है..!!


वफ़ा के बदले मुझे बेवफाई न किया कर,
मेरी उम्मीद ठुकरा कर इंकार न किया कर,
तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ गवा बैठे,
जान चली जाएगी यूँ इम्तिहान न लिया कर।


जब गिला शिकवा अपनों से
हो तो खामोशी ही भली,
अब हर बात पे जंग हो
यह जरूरी तो नहीं।


भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत,
तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है,
नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना,
तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है..!!


कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है
वास्ता कोई तू ने तो हम से आज
तक कोई गिला नहीं किया


ज़िंदगी हमारी यूँ सितम हो गयी,
ख़ुशी ना जाने कहाँ दफ़न हो गयी,
बहुत लिखी खुदा ने लोगों की मोहब्बत,
जब आयी हमारी बारी तो स्याही ही ख़त्म हो गयी..!!


तेरी बातें ही सुनाने आये
दोस्त भी दिल दुखाने ही आये


तू होश में थी फिर भी
हमें पहचान न पायी,
एक हम हैं के पीकर भी
तेरा नाम लेते रहे।


हो जाते हो बरहम भी बन जाते हो हमदम भी
ऐ साकी-ए-मयखाना शोला भी हो,
शबनम भी खाली मेरा पैमाना बस
इतनी शिकायत है


कोई गिला कोई शिकवा न रहे आप से,
ये आरज़ू है इक सिल सिला बना रहे आप से,
बस इक बात की उम्मीद है आप से,
दिल से दूर न करना अगर दूर भी रहें आप से।
 

ज़िंदा रहे तो क्या है, जो मर जायें हम तो क्या,
दुनिया से ख़ामोशी से गुज़र जायें हम तो क्या,
हस्ती ही अपनी क्या है ज़माने के सामने,
एक ख्वाब हैं जहान में बिखर जायें हम तो क्या..!!


आप नाराज़ हों, रूठे, के ख़फ़ा हो जाएँ,
बात इतनी भी ना बिगड़े कि जुदा हो जाएँ !!


वक़्त बदलता है ज़िन्दगी के साथ,
ज़िन्दगी बदलती है वक़्त के साथ,
वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ,
बस अपने बदल जाते हैं वक़्त के साथ..!!


ज़िंदगी से यही गिला है
मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे


मेरा इल्ज़ाम है तुझ पर कि तू बेवफा था,
दोष तो तेरा था मगर तू हमेशा ही खफा था,
ज़िन्दगी की इस किताब में बयान है तेरी मेरी कहानी,
यादों से सराबोर उसका एक एक सफा था..!!


कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था..!!


मानते हैं सारा जहाँ तेरे साथ होगा,
खुशी का हर लम्हा तेरे पास होगा,
जिस दिन टूट जाएँगी साँसे हमारी,
उस दिन तुझे हमारी कमी का एहसास होगा..!!


ज़ख़्म देने की आदत नहीं हमको,
हम तो आज भी वो एहसास रखते हैं,
बदले बदले से तो आप हैं जनाब,
जो हमारे अलावा सबको याद रखते हैं..!!


ना जाने कौन सी बात पर वो रूठ गयी है,
मेरी सहने की हदें भी अब टूट गयी हैं,
कहती थी जो कि कभी नहीं रूठेगी मुझसे,
आज वो अपनी ही बातें भूल गयी है..!!

मुद्दत से कोई शख्स रुलाने नहीं आया,
जलती हुई आँखों को बुझाने नहीं आया,
जो कहता था कि रहेंगे उम्र भर साथ तेरे,
अब रूठे हैं तो कोई मनाने नहीं आया..!!


हम क्यूँ,शिकवा करें झूठा,क्या हुआ
जो दिल टूटा शीशे का खिलौना था,
कुछ ना कुछ तो होना था, .


कहेगा झूट वो हमसे
तुम्हारी याद आती है,
कोई है मुन्तजिर कितना
ये लहेजे बोल देते हैं।


ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम
ने कुछ हम से कहा होता कुछ
हम से सुना होता -चराग़ हसन हसरत


हमें उनसे कोई शिकायत नहीं,
शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं,
मेरी तकदीर को लिखकर तो,
ऊपर वाला भी मुकर गया,
पूछा तो कहा, "ये मेरी लिखावट नहीं..!!


रास्ते में पत्थरों की कमी नहीं है,
मन में टूटे सपनो की कमी नहीं है,
चाहत है उनको अपना बनाने की मगर,
 उनके पास अपनों की कमी नहीं है..!!


ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब ही है
अक्सर वहीँ से गुजरता है जहाँ रास्ता ना हो


रुलाने के बाद क्यों हँसाते है लोग जाने के
बाद क्यों बुलाते है लोग ज़िंदगी में क्या
कुछ कसर बाकी थी
जो मरने के बाद भी जलाते है लोग


आग से सीख लिया हम ने यह करीना भी,
बुझ भी जाना पर बड़ी देर तक सुलगते रहना,
जाने किस उम्र में जाएगी यह आदत अपनी,
रूठना उससे और औरों से उलझते रहना..!!
 

वो भूल गए कि उन्हें हसाया किसने था,
जब वो रूठे थे तो मनाया किसने था,
वो कहते हैं वो बहुत अच्छे है शायद,
वो भूल गए कि उन्हें यह बताया किसने था..!!


दीदार तेरा किया हमने आज गैरो की
क़तार से ना नजर-ऐ-इनायत
हुई ना रूह को सुकून मिला


वहाँ तक चले चलो
जहाँ तक साथ मुमकिन है,
जहाँ हालात बदलेंगे
वहाँ तुम भी बदल जाना।


जिन्दगी से तो खैर शिकवा था
मुद्दतों मौत ने भी तरसाया।


एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे,
वही फ़ासले बनाते गये,
हम तो पास आने की कोशिश में थे,
ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये ..!!


समझा न कोई हमारे दिल की बात को,
दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया,
जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से,
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया..!!


दस्तूर-ए-उल्फ़त वो निभाते नहीं हैं,
जनाब महफ़िल में आते ही नहीं हैं,
हम सजाते हैं महफ़िल हर शाम,
एक वो हैं जो कभी तशरीफ़ लाते ही नहीं हैं..!!


हर शाम कह जाती है एक कहानी,
हर सुबह ले आती है एक नई कहानी,
रास्ते तो बदलते है हर दिन लेकिन,
मंजिल रह जाती है वही पुरानी..!!

Gila shikwa meaning in hindi

जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते,
ख़त किस लिए रखे हैं जला क्यों नहीं देते,
किस वास्ते लिखा है हथेली पे मेरा नाम,
मैं हर्फ़ ग़लत हूँ तो मिटा क्यों नहीं देते..!!


ये मत कहना के तेरी याद से रिस्ता नहीं रखा,
मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा,
तुम्हारी चाहतो के फूल तो महफूज रहे हैं,
तुम्हारी नफरतों कि पीर को जिंदा नहीं रखा।


भूल गए या, भुलाना चाहते हो ,
दूर कर दिया, या जाना चाहते हो ,
आजमा लिया, या आजमाना चाहते हो ,
मैसेज कर रहे हो या अभी और पैसे बचाना चाहते हो..!!


फलक से चाँद उतारा गया
मेरी आस का एक सहारा गया,
मैं दो बूँद पानी तरसती रही ,
मेरे होंठों से ज़हर गुज़ारा गया..!!


मोहब्बत की दास्ताँ सुनाने आये है
तबाह करने के बाद वो प्यार जताने आये है
आंसू पूछ लिए थे हमने कब के
मगर वो फिर से आज हमें रुलाने आये है


तेरे बाद हमने इस दिल का
दरवाजा खोला ही नहीं,
वरना बहुत से चाँद आये
तेरे घर को सजाने के लिए।


मोहब्बत हमने की तो एक खता हो गयी की
वफ़ा और जिंदगी ही अब सजा हो
गयी वफ़ा करते रहे इबादतों की
तरह फिर इबादत भी हमारे लिए एक गुनाह हो गयी


दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया,
खाली ही सही होठों तक जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया..!!


दीवाने तेरे हैं, इस बात से इनकार नहीं,
कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नहीं,
कुछ तो कसूर है आपकी निगाहों का,
हम अकेले तो गुनेहगार नहीं..!!


वादा करके निभाना भूल जाते हैं,
लगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैं,
ऐसी आदत हो गयी है अब तो सनम की,
रुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं..!!

Gila shikwa quotes in hindi

कदम कदम पे बहारों ने साथ छोड़ दिया,
पड़ा जब वक़्त तब अपनों ने साथ छोड़ दिया,
खायी थी कसम इन सितारों ने साथ देने की,
सुबह होते देखा तो इन सितारों ने साथ छोड़ दिया..!!


कहाँ से लाऊँ हुनर उसे मनाने का,
कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का,
मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी,
क्योंकि जुर्म मेरा था उनसे दिल लगाने का..!!


तुम ने चाहा ही नहीं हालात बदल सकते थे,
तेरे आाँसू मेरी आँखों से निकल सकते थे,
तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह,
दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे..!!


दुनिया ने हम पे जब कोई इल्ज़ाम रख दिया,
हमने मुक़ाबिल उसके तेरा नाम रख दिया,
इक ख़ास हद पे आ गई जब तेरी बेरुख़ी,
नाम उसका हमने गर्दिशे-अय्याम रख दिया..!!


मोहब्बत है की नफरत है कोई इतना
तो समझाए कभी मैं दिल से लड़ती हूँ
कभी दिल मुझसे लड़ता है


न गिला है कोई हालात से,
न शिकायेतें किसी की जात से…
खुद से सारे लफ्ज जुदा हो रहे हैं
मेरी ज़िन्दगी की किताब से।


रात आ कर गुज़र भी जाती है
इक हमारी सहर नहीं होती


ज़िंदगी से चले हैं अब इल्ज़ाम लेकर,
बहुत जी चुके हैं अब उनका नाम लेकर,
अकेले बातें करेंगे अब वो इन सितारों से,
अब चले जायेंगे उन्हें यह सारा आसमान देकर..!!


मत पूछ शीशे से
उसके टूटने कि वजह,
उसने भी किसी
पत्थर को अपना समझा होगा।


शिकवा तो एक छेड़ है लेकिन
हकीकतन तेरा सितम भी
तेरी इनायत से कम नहीं।


दोस्तो आशा करता हूं गिला शिकवा शायरी आपको जरूर पसंद आई होगी। आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे... धन्यवाद